Ali Zaryoun Shayari

BEST [100+] Ali Zaryoun Shayari | Ghazal

Posted on

Ali Zaryoun Shayari:- Ali Zaryoun शायरी की दुनियां में एक ऐसा नाम है जिसे किसी Introduction की ज़रुरत नहीं है। Ali Zaryoun साहब का शायरी बोलने और लिखने का अपना अलग ही अंदाज़ होता है जो आज की युवा पीढ़ी को बेहद ही पसंद आता है। आज हम लेकर आये हैं 100+ Ali Zaryoun Shayari & Ghazal जो यकीनन आपके दिल को छू जाएँगी।

Here we have the best collection of Ali Zaryoun Shayari with Good Quality Sad and Romantic Shayari Images that you can easily download and share.

Hope you love our collection of Ali Zaryoun Shayari In Hindi if you like them, don’t forget to share. We are continuously working to update and add new Ali Zaryoun Poetry here.

Ali Zaryoun Shayari

आदमी देश छोड़े तो छोड़े अली
ल मे बसता हुआ घर नही छोड़ता
एक मैं हूँ कि नींदे नही आ रही
एक तू है कि बिस्तर नही छोड़ता


वो क्यों कहेंगे के हम दोनों खैर से जी लें
हमारी जंग से जिनकी कमाई जारी है


क्या क्या अक्लों शक्लों वाले उसके सामने आते हैं
आँख उठाकर भी नहीं तकती पक्की अपने यार की है


उसके किसी से मोहब्बत थी और वो मैं नहीं था
ये बात मुझसे ज़्यादा उसे रुलाती थी


मुझको भी उन्हीं में से कोई एक समझ ले,
कुछ मसले होते हैं, ना जो हल नहीं होते


मैं भी इक शख़्स पे इक शर्त लगा बैठा था
तुम भी इक रोज़ इसी खेल में हारोगे मुझे,
ईद के दिन की तरह तुमने मुझे ज़ाया किया
मैं समझता था मुहब्बत से गुज़ारोगे मुझे


एक आवाज़ कि जो मुझको बचा लेती है
ज़िन्दगी आख़री लम्हों में मना लेती है
जिसपे मरती हो उसे मुड़ के नही देखती वो
और जिसे मारना हो यार बना लेती है


तुझे क़ुबूल करे या शिकश्त खा जाए
अभी दिमाग से दिल की लड़ाई जारी है


तन्हा ही सही लड़ तो रही है वो अकेली
बस थक के गिरी है अभी हारी तो नहीं है


Ali Zaryoun Shayari Poetry

पहले पहल लड़ेंगे तमस्खर उड़ाएंगे
जब इश्क़ देख लेंगे तो सर पर बिठाएंगे


कोई शहर था जिसकी एक गली
मेरी हर आहट पहचानती थी
मेरे नाम का इक दरवाज़ा था
इक खिड़की मुझको जानती थी


अरब लहू था रगों में बदन सुनहरा था
वो मुस्कुराती नहीं थी दिये जलती थी


ईद के दिन की तरह तुमने मुझे ज़ाया किया
मैं समझता था मोहब्बत से गुज़ारोगे मुझे


सब कर लेना लम्हे ज़ाया मत करना
गलत जगह पर जज़्बे ज़ाया मत करना


Ali Zaryoun Shayari

क्या बोला मुझे, खुद को तुम्हारा नहीं कहना?
ये बात कभी मुझसे दोबारा नहीं कहना
ये हुक़्म भी उस जान से प्यारे ने दिया है
कुछ भी हो मुझे जान से प्यारा नहीं कहना


इसकी ज़द में जो आया रहा ही नही
जिसको ये हो गया वो बचा ही नही


यार बिछड़कर तुमने हँसता बसता घर वीरान किया
मुझको भी आबाद न रखा, अपना भी नुकसान किया


Ali Zaryoun Shayari Ghazal

पागल कैसे हो जाते हैं
देखो ऐसे हो जाते हैं
ख़्वाबों का धंधा करती हो
कितने पैसे हो जाते हैं


मैंने बोला था याद मत आना
झूठ बोला था, याद आओ मुझे


ये मोहब्बत है ये मर जाने से भी जाती नहीं
तू कोई क़ैदी नहीं है जो रिहा हो जाएगा


यार दिलफेंक है मेरे लेकिन,
तू ना घबरा तेरी हया करेंगे


जिस तरह वक़्त गुज़रने के लिए होता है
आदमी शक्ल पे मरने के लिए होता है
तेरी आँखों से मुलाक़ात हुयी तब ये खुला
डूबने वाला उभरने के लिए होता है


आँख होती है किसी राह को ताकने ले लिए
दिल किसी पाँव पे धरने के लिए होता है


सादा हूँ और Brands पसंद नहीं मुझको,
मुझ पर अपने पैसे ज़ाया मत करना


मिले किसी से, गिरे जिस भी जाल पर मेरे दोस्त
मैं उसको छोड़ चुका उसके हाल पर, मेरे दोस्त
ज़मीन पर सबका मुक़द्दर तो मेरे जैसा नहीं
किसी के साथ तो होगा वो कॉल पर मेरे दोस्त


चाय पीते हैं कहीं बैठ के दोनों भाई
जा चुकी है ना…
तो बस छोड़! चल आ, जाने दे


सारे मर्द की एक जैसे हैं तुमने कैसे कह डाला
मैं भी तो एक मर्द हूँ तुमको खुद से बेहतर मानता हूँ


Ali Zaryoun Shayari In Hindi

कोई शहर था जिसकी एक गली
मेरी हर आहट पहचानती थी,
मेरे नाम का इक दरवाज़ा था
इक खिड़की मुझको जानती थी


क्या भेद है पानी में बताता नहीं पानी
खुल कर भी अली सामने आता नहीं पानी
दरवेश अमानत में ख़यानत नहीं करते
मिटटी से कोई बात छुपाता नहीं पानी


आवाज़ को संभाल कोई हा हू ना कर
सब लोग कर रहे हैं मगर यार तू ना कर
वो हुस्न दस्तरस का नहीं खुद को मत थका
शौक़ीन हो के देख मगर जुस्तजू ना कर


तेरे लिए ये रूह के बुज़दिल ही ठीक हैं
मैं पारसा नहीं हूँ मेरी आरज़ू ना कर


एक बटवारे की रंजिश ने
दोनों को आग बना डाला
मेरी आँखों में भी खून ना था
तेरे चेहरे पर भी शांति थी


बात भी कीजिए देख भी लीजिए
देख भी लीजिए बात भी कीजिए


किसी बहाने से उसकी नाराज़गी खत्म तो करनी थी
उसके पसंदीदा शायर के शेर उसे भिजवाए हैं


मैंने उससे प्यार किया है मिल्कियत का दावा नहीं
वो जिसके भी साथ है मैं उसको भी अपना मानता हूं


तुम जो कहते हो सुनुँगा जो पुकारोगे मुझे
जानता हूँ की तुम ही घेर के मारोगे मुझे,
मैं भी एक शख्स पे एक शर्त लगा बैठा था
तुम भी एक रोज़ इसी खेल में हारोगे मुझे


खुदा की शायरी होती है औरत
जिसे पैरों तले रौंदा गया है
तुम्हे दिल के चले जाने पे क्या गम
तुम्हारा कौन सा अपना गया है


सब कर लेना लम्हे ज़ाया मत करना
ग़लत जगह पर जज़्बे ज़ाया मत करना,
इश्क़ तो नीयत की सच्चाई देखता है
दिल ना झुके तो सजदे ज़ाया मत करना


ऐसों को मेरा शेर सुनाना नहीं बनता
जो लोग तुझे देख के पागल नहीं होते


हम उनकी नज़र में भी अदाकार हुए हैं
जो लोग हमें देख के फनकार हुए हैं


Ali Zaryoun Shayari 2024

तेरी खुशियों का सबब यार कोई और है ना
दोस्ती मुझे है और प्यार कोई और है ना
तू मेरे अश्क़ ना देख और फकत इतना बता
जो तेरे हुस्न पे मरते हैं बहुत से होंगे
पर तेरे दिन का तलबग़ार कोई और है ना


चादर की इज़्ज़त करता हूँ और परदे को मानता हूँ
हर पर्दा, पर्दा नहीं होता! इतना मैं भी जानता हूँ
मैंने उससे प्यार किया है मिल्कियत का दावा नहीं
वो जिसके भी साथ है मैं उसको भी अपना मानता हूँ


कोई दिक्कत नहीं है अगर तुम्हें उलझा सा लगता हूँ
मैं पहली मरतबा मिलने में सबको ऐसा लगता हूँ
ज़रूरी तो नहीं हम साथ हैं तो कोई चक्कर हो
वो मेरी दोस्त है और मैं उसे बस अच्छा लगता हूँ


तुम्हारे बाद ये दुःख भी तो सहना पड़ रहा है
किसी के साथ मजबूरी में रहना पड़ रहा है
मुझे बातें नहीं तेरी मोहब्बत चाहिए थी
मुझे अफ़सोस है ये मुझको कहना पड़ रहा है


तोहमत तो लगा देते हो बेकारी की हम पर
पूछो तो सही किस लिए बेकार हुए हैं


पिछली सफों से एक उदासी हुयी तुलु
मेकअप की भीड़ में भी उसी पे नज़र गयी


New Ali Zaryoun Shayari

अब मेरे हाल पे क्यों तुमको परेशानी है
अब तो तुम मुझसे मोहब्बत भी नहीं करते हो


तू तो फिर अपनी जान है तेरा तो ज़िक्र क्या
हम तेरे दोस्तों के भी नखरे उठाएंगे


सिर्फ हम ही हैं जो तुझपर पूरे के पूरे मरते हैं
वरना किसी को तेरी आँखें किसी को लहजा मारता है


वीरान ही कहा है खला तो नहीं कहा
पहले भी कह चूका हूँ नया तो नहीं कहा
रोया ज़रूर उसके लिए बद्दुआ ना की
खुद बन गया पर उसको बुरा तो नहीं कहा


तू जो हर रोज़ नए हुस्न पर मर जाता है
तू बताएगा मुझे इश्क़ है क्या !!


जागना और जगा के सो जाना
रात को दिन बना के सो जाना


चेहरे से लग रहा है के तुम कुछ उदास हो
मैंने तुम्हें नशे में सना तो नहीं कहा


Also Read:
Punjabi Shayari
Gulzar Shayari
Rahat Indori Shayari
Waqt Shayari
Alone Shayari

मैं आशा करता हूँ आपको ये Ali Zaryoun Shayari In Hindi ज़रूर पसंद आयी होंगी मैं ऐसी ही हिंदी शायरी के Collection Sirfshayari.in पर पब्लिश करता रहता हूँ। आप इस पेज को Bookmark कर सकते हैं यहाँ मैं नयी नयी Ali Zaryoun Poetry पब्लिश करता रहूँगा। आप मुझसे जुड़ने और Direct मुझसे बात करने के लिए मेरे Instagram Page को Follow कर सकते हैं।