Alfaaz Shayari in Hindi

by - sirfshayari

ज़िन्दगी यूँ ही बहुत कम है, मोहब्बत के लिए, फिर एक दूसरे से रूठकर वक़्त गँवाने की जरूरत क्या है

बिछड़ के तुझसे किसी दूसरे पर मरना है, ये तजुर्बा भी इसी जिन्दगी में करना है

by - sirfshayari

उनके आने से आ जाती है मेरे चेहरे पे रौनक और वो समझते हैं कि मेरा हाल अच्छा है

by - sirfshayari

बाक़ी ही क्या रहा है तुझे माँगने के बाद बस इक दुआ में छूट गए हर दुआ से हम

by - sirfshayari

वो सुना रहे थे अपनी वफाओ के किस्से हम पर नज़र पड़ी तो खामोश हो गए

by - sirfshayari

माना की तुझसे दूरियां कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है, पर तेरे हिस्से का वक्त आज भी तन्हा गुजरता है

by - sirfshayari

एक साथ चार कंधे देखकर जहन में आया, एक ही काफी था गर जीते जी मिला होता

by - sirfshayari

गुजर जाएगा ये दौर भी, जरा सबर तो रखिए.. जब खुशी नही ठहरी तो गम की क्या औकात है

by - sirfshayari

कुछ इस तरह से तेरे मेरे रिश्ते ने आखिरी साँस ली , न मैंने पलटकर देखा न तुमने आवाज दी

by - sirfshayari

तहज़ीब, अदब और सलीका भी तो कुछ है, झुका हुआ हर शख़्स बेचारा नही होता

by - sirfshayari

ऐसी ही और शायरी पढ़ने के लिए

by - sirfshayari