Thick Brush Stroke
वो क्यों कहेंगे के हम दोनों खैर से जी लें हमारी जंग से जिनकी कमाई जारी है
Thick Brush Stroke
वो क्यों कहेंगे के हम दोनों खैर से जी लें हमारी जंग से जिनकी कमाई जारी है
SIRFSHAYARI.IN
Thick Brush Stroke
उसके किसी से मोहब्बत थी और वो मैं नहीं था ये बात मुझसे ज़्यादा उसे रुलाती थी
SIRFSHAYARI.IN
Thick Brush Stroke
तन्हा ही सही लड़ तो रही है वो अकेली बस थक के गिरी है अभी हारी तो नहीं है
SIRFSHAYARI.IN
Thick Brush Stroke
ईद के दिन की तरह तुमने मुझे ज़ाया किया
मैं समझता था मोहब्बत से गुज़ारोगे मुझे
SIRFSHAYARI.IN
Thick Brush Stroke
यार बिछड़कर तुमने हँसता बसता घर वीरान किया मुझको भी आबाद न रखा, अपना भी नुकसान किया
SIRFSHAYARI.IN
Thick Brush Stroke
पागल कैसे हो जाते हैं देखो ऐसे हो जाते हैं ख़्वाबों का धंधा करती हो कितने पैसे हो जाते हैं
SIRFSHAYARI.IN
Thick Brush Stroke
सादा हूँ और Brands पसंद नहीं मुझको, मुझ पर अपने पैसे ज़ाया मत करना
SIRFSHAYARI.IN
Thick Brush Stroke
सारे मर्द की एक जैसे हैं तुमने कैसे कह डाला मैं भी तो एक मर्द हूँ तुमको खुद से बेहतर मानता हूँ
SIRFSHAYARI.IN
Thick Brush Stroke
कोई शहर था जिसकी एक गली
मेरी हर आहट पहचानती थी, मेरे नाम का इक दरवाज़ा था इक खिड़की मुझको जानती थी
SIRFSHAYARI.IN
Thick Brush Stroke
किसी बहाने से उसकी नाराज़गी खत्म तो करनी थी उसके पसंदीदा शायर के शेर उसे भिजवाए हैं
SIRFSHAYARI.IN
Thick Brush Stroke